जेम्स एलेन (James Allen) अपनी प्रसिद्ध कृति “दरिद्रता से शक्ति तक” (Poverty to Power) में कहते हैं: Way Out of Unwanted Situations: यह सब देखने और महसूस करने के बाद कि बुराई मात्र एक ऐसी छाया है जो हमारी शाश्वत शुद्ध आत्मा के ऊपर से होकर गुज़र जाती है और यह कि दुनिया एक दर्पण है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति स्वयं का प्रतिबिंब देखता है। तो अब हम दृढ़ होकर आसान कदम उस तल की और बढ़ा सकते हैं जहाँ से उस “नियम” को देखा और महसूस किया जा सकता है। इस बोध के साथ यह ज्ञान आता है कि सब कुछ “कारण और प्रभाव” की एक निरंतर परस्पर क्रिया में शामिल है और संभवतः कुछ भी इस कानून से अलग नहीं हो सकता है।
सबसे तुच्छ विचार, शब्द, या मनुष्य के कार्य से लेकर खगोलीय पिंडों के समूह तक, सब जगह यह कानून सर्वोच्च शासन करता है। कोई भी मनमानी स्थिति, एक पल के लिए भी मौजूद नहीं हो सकती है क्योंकि ऐसी स्थिति नियम का उलंघन होकर उस कानून का सत्यानाश करेगी।
इसलिए जीवन की प्रत्येक स्थिति एक सुव्यवस्थित और सामंजस्यपूर्ण क्रम में बँधी हुई है और हर स्थिति का रहस्य और कारण स्वयं के भीतर समाहित है। “जो कोई भी मनुष्य बोता है वही काटेगा,” यह कहावत अनंत काल के सिंह द्वार पर ज्वलंत शब्दों में अंकित है। तथा कोई भी इसे अस्वीकार नहीं कर सकता है, इसे धोखा नहीं दे सकता है और कोई भी इससे बच नहीं सकता है। जो आग में हाथ डालता है उसे जलने की तकलीफ़ एक निश्चित समय तक झेलनी ही पड़ती है और यहाँ न तो श्राप और न ही प्रार्थना उसे बदल सकती है।