जेम्स एलेन (James Allen) अपनी प्रसिद्ध कृति “जैसा कि एक व्यक्ति सोचता है” (As A Man Thinketh) में कहते हैं: Thoughts and Life Purpose: जब तक विचार उद्देश्य से जुड़ा हुआ नहीं है तब तक कोई विशेष उपलब्धि नहीं हो सकती है। लक्ष्यहीनता एक बुराई है और इस तरह का भटकाव उसे जारी नहीं रखना चाहिए जो स्पष्ट रूप से आगे आने वाली तबाही और बर्बादी से बचना चाहता है।
Thoughts with Purpose in Life. जिन लोगों के जीवन में कोई केंद्रीय उद्देश्य नहीं है वे तुच्छ चिंताएँ, भय, परेशानियाँ और आत्म-पीड़ाएँ, आदि जैसी कमजोरियों के आसान शिकार बन जाते हैं। और ये सब कमजोरियां (या जाने अनजाने में में किए गए पाप) सब निश्चित रूप से विफलता, अप्रसन्नता और नुकसान की तरफ धकेलते हैं । क्योंकि इस विकसित होते शक्तिशाली ब्रह्मांड में कमज़ोरी के लिए कोई स्थान नहीं है। Thoughts are Useless Without Purpose.
उद्देश्य को अपना सर्वोच्च कर्तव्य बनाना चाहिए Thoughts and Life Purpose
Connecting Thoughts with Life Purpose. एक आदमी को अपने दिल में एक उचित उद्देश्य की कल्पना करके उसे पूरा करने के लिए निकल पड़ना चाहिए। उसे इस उद्देश्य को उसके विचारों का केंद्र बिंदु बनाना चाहिए। यह एक आध्यात्मिक आदर्श हो सकता है या यह समय की मांग के अनुसार एक सांसारिक वस्तु हो सकती है। लेकिन जो भी हो, उसे लगातार अपना ध्यान, विचार-बल उस वस्तु पर, जिसे उसने अपने सामने रखा है, पर ही केंद्रित करना चाहिए। इस उद्देश्य को अपना सर्वोच्च कर्तव्य बनाना चाहिए, और खुद को इसकी प्राप्ति के लिए समर्पित करना चाहिए। ना कि वह अपने विचारों को क्षणभंगुर सनक, लालसा और कल्पना की तरफ भटकने की अनुमति दे। यह आत्म-नियंत्रण और विचार की एकाग्रता का सच्चा पथ है।
दुसरी बात, भले ही अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए बार-बार वह असफल हो जाए (उसे आवश्यक रूप से कार्य करना है जब तक कमज़ोरी दूर नहीं हो जाती )। इस प्रकार जो चरित्र की शक्ति प्राप्त होगी वही उसकी सच्ची सफलता का माप होगी। और यह एक नया रूप लेकर भविष्य की शक्ति और विजय के लिए शुरुआती बिंदु बनेगी।
जो एक महान उद्देश्य में आशंका के कारण तैयार नहीं हैं, उन्हें अपने किसी भी कर्तव्य को दोषरहित तरीके से निभाने में विचारों को लगाना चाहिए। चाहे उनका कार्य कितना भी महत्वहीन क्यों न हो, केवल इस तरह से विचारों को इकट्ठा करके ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। ऐसे ही संकल्प तथा ऊर्जा विकसित की जा सकती है। ये करने के बाद ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे पूरा नहीं किया जा सकता है। Thoughts and Life Purpose.
विकास के लिए संघर्ष कम न करें
आगे देखें कि एक कमजोर से कमज़ोर आत्मा भी अपनी खुद की समस्या को जानकर और इस सच्चाई को मानकर कि केवल प्रयास और अभ्यास द्वारा ही ताकत विकसित की जा सकती है। इस प्रकार, विश्वास करके प्रयास करना आरम्भ कर देती है और अधिक प्रयास, अधिक धैर्य और ताकत पर ताकत लगाते हुए, विकास के लिए संघर्ष कम न करे। तो अंत में दिव्य मज़बूती प्राप्त कर लेगी। जैसा कि शारीरिक रूप से कमजोर आदमी सावधान होकर प्रशिक्षण द्वारा खुद को मजबूत बना सकता है, उसी प्रकार कमजोर विचारों का आदमी भी खुद को सही सोच में ढाल कर उन्हें मजबूत बना सकता है।
लक्ष्यहीनता और कमज़ोरी को दूर करने के लिए उद्देश्यपूर्ण सोच शुरू करना, उन मजबूत लोगों के श्रेणी में प्रवेश करना है जो असफलता को लक्ष्य प्राप्ति के रास्ते में केवल एक पड़ाव मानते हैं। वे लोग परिस्थितियों को अपना सेवक बना कर दृढ़ता से सोचते हैं; निडर होकर प्रयास करते हैं, और महारत हासिल करते हैं।