gandhi-on-consumerism

क्या पृथ्वी पर उपलब्धता सबकी आवश्यकता हेतु पर्याप्त है?

महात्मा गांधी ने उपदेश देने से पहले हमेशा स्वयं सत्य का अभ्यास किया| उनके जीवन की तीन घटनाओं के प्रकाश में , उपभोक्तावाद पर उनका बहुत प्रसिद्ध उद्धरण स्वसिद्ध होता है|

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