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अशांति, दुर्भाग्य और दुःख का निवारण कैसे करें?

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जेम्स एलेन (James Allen) अपनी प्रसिद्ध कृति “दरिद्रता से शक्ति तक” (Poverty to Power) में कहते हैं: Resolution of Sorrow and Misfortune: अशांति, दुर्भाग्य और दुःख जीवन की परछाई हैं। सारी दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसने ऐसे दर्द का दंश न झेला हो। कोई भी घर ऐसा नहीं है जहाँ विनाश, बीमारी और मौत ने प्रवेश नहीं किया हो। बुराई के मजबूत जाल पाश में सभी थोड़े कम या ज्यादा जकड़े ही जाते हैं। मानव जाति के साथ यह सब होता आया है।

अज्ञानी लोग रास्तों पर अंधाधुंध दौड़ते हैं लेकिन…Resolution of Sorrow and Misfortune

इस प्रकार के दुःख–दर्दों से पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से लोग अनेकों रास्तों पर अंधाधुंध दौड़ते हुए उम्मीद करते हैं कि वे रास्ते उन्हे खुशी में प्रवेश करवाएंगे पर ऐसा नही होता है। लम्पट लोग दु:खों से बचने हेतु खुद को वासना मे डुबो लेते हैं या धन अथवा प्रसिद्धि के प्यासे हो जाते हैं और उसे हासिल करने के लिए भ्रष्टाचार की किसी भी हद तक जा सकते हैं। अन्य लोग धार्मिकता के प्रदर्शन में सांत्वना तलाशते हैं।

उन्हें एक बार के लिए लगता है कि उनकी चाही गई सभी ख़ुशियाँ मिल गई हैं और आत्मा, कुछ समय के लिए, बुराई के अस्तित्व को भूल कर एक मधुर सी नशीली नींद में सो जाती है। लेकिन अचानक एक दिन आता है जब कुछ भारी दुःख, प्रलोभन या दुर्भाग्य अचानक अचेत व असुरक्षित आत्मा पर टूट पड़ता है फलस्वरूप उसकी आँखों पर पड़ा सुख का पर्दा छिन्न-भिन्न हो जाता है। इसलिए हर व्यक्तिगत आनंद के सिर पर हमेशा एक दर्द की भारी व पैनी तलवार लटकी रहती है जो किसी भी क्षण अज्ञानी, अचेत और असुरक्षित आत्मा के टुकड़े –टुकडे करने टूट पड़ सकती है।

बड़ा पुरुष या महिला बनने के लिए एक बच्चा रोता है; बड़े होकर लोग बचपन की खोई हुई मस्ती के लिए आहें भरते हैं। गरीब आदमी दरिद्रता की जंजीरों में जकड़ कर बंधा होता है और उधर अमीर आदमी अक्सर गरीबी के डर में रहता है या एक खुशी नामक मृग-तृष्णा के पीछे-पीछे दुनिया भर में भटकता फिरता है। कभी-कभी इस भटकती आत्मा को लगता है कि उसने एक निश्चित धर्म, बौद्धिक दर्शन या एक कलात्मक आदर्श में सुरक्षित शांति और खुशी पा ली है लेकिन कुछ प्रबल प्रलोभन उनकी धार्मिक मान्यताओं की धज्जियां उड़ा देते हैं। सैद्धांतिक दर्शन एक बेकार बैसाखी सी लगने लगती है तथा जिस आदर्शवादी मंदिर जिस पर भक्त वर्षों से चुनाई कर रहा था वह एक पल में टुकड़े-टुकड़े होकर उसके पैरों में गिर पड़ता हैं। Resolution of Sorrow and Misfortune.

दुर्भाग्य और दुःख से बचने का रास्ता है  Read More

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