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क्या हम फिल्म “मेट्रिक्स” में दर्शित सिस्टम के गुलाम हैं?

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क्या हम सब एक सिस्टम के गुलाम मात्र हैं?  लगता है  कि आप और हम एक अजीब सी,  Matrix System की गुलामी सी नींद में जी रहे हैं | और बस चले जा रहे हैं सिर्फ उसी दिशा में जिस तरफ हमारा सिस्टम जाने को कहता है? न सोचते हैं, न समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर मानव जीवन की क्या संभावनाएं हैं| मात्र लकीर-के-फ़कीर होकर इस बहुमूल्य जीवन का कोई मायने ही ना रहा गया है| लेकिन अब वक्त आ गया है जब इंसान जाग रहा है| ये इस  समूची मानवता, इस धरती और अस्तित्व के लिए एक नए दौर का वक़्त है!

क्यों सब एक ही ढर्रे पर है चल रहे हैं?

गौर करिए ज़रा: आप पैदा हुए, आपको एक सिस्टम , a Matrix  के तहत पाला-पोसा गया था| वही सिस्टम जो चला आ रहा है जिसे हम बिलकुल ठीक समझते हैं मसलन आपको पालने–पोसने हेतु एक ढर्रा सा चला आ रहा है: वही घिसी-पीटी बातें  कि ये खिलाना-पिलाना है, ये पहनावा चला आ रहा है यही पहनाएंगे| फिर कुछ बड़े हुए तो उसी ढ़र्रेदार शिक्षा हेतु उन्ही स्कूलों में भेजा जाता है जहां आपके दिमाग में तथाकथित ज्ञान कूट-कूट कर भरा जाता है| आपको रटाया जाता है ऐसा विषय जिससे आपको रत्ती भर भी लेना-देना नहीं होता है| आप वही सोचते हैं जो ये सिखाते हैं, स्वयं की कोई सोच नहीं| तो दिमाग का दायरा सिमित हो जाता है| ऐसी स्थिति में मानव की असीमित क्षमताओं की कल्पना तक नहीं कर पाते हैं हम–यही Matrix System है|

आप किसके नौकर हैं?

आप डॉक्टर, इन्जीनीयर या अकाउंटेंट की नौकरी पाने की अंधी दौड़ में लगे हुए हैं क्योंकि यही सिस्टम है-The Matrix System| हमें यही सिखाया जाता हैं और कुछ सोचना यानी पागल करार दिए जाने का रिस्क लेना| अगर आपने इस व्यवस्था के खिलाफ ज़रा सा भी सोचा  तो जीवन भर गरीबी, उपेक्षा या दीवानगी में ही तड़पते रह जाओगे| स्वतंत्र दिमाग की इस तंत्र को कतई आवश्यकता नहीं है| सिर्फ सौ कलाकार अथवा स्वतंत्र दिमाग दिमाग वालों में से सिर्फ एक ही ज़िंदा रह पाता है इस दुनिया में|

इस तंत्र के पिछे किसकी साज़िश है?

क्या आपको कभी-कभी ऐसा नहीं लगता कि इस सिस्टम, व्यवस्था या तंत्र के पीछे कोई बहुत बड़ी साज़िश है? आप सारी ज़िंदगी कुछ मुट्ठी भर लोगों की गुलामी करने में बीता देते हैं| उन लोगों के लिए आप दिन-रात अंधे होकर काम किये जा रहें हैं जिन्हें आप जानना तो दूर, उनके बारे में सोच भी नहीं सकते| आप दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं परन्तु आपकी सेलरी से बीस गुना ज्यादा आपका सेठ, बॉस, मालिक ले जाता है| यानि वह सिस्टम Matrix System आपको लुटे जा रहा है|

आपका जागरण कब होगा?

फिर एक दिन जब ये ख्याल दिमाग में कौंधता है, ये ख्याल कि अरे,  मैंने तो सारी ज़िंदगी अंधी दौड़ में बिता दी है| तब तक बहुत देर हो चुकी होती है| उस वक़्त आपके पैर कब्र में लटक रहे होते हैं—चिड़िया चुग गयी खेत, अब पछताय क्या होत!

मशीनों द्वारा मनुष्य को गुलाम बनाने की कोशिश होगी?

मामला तो तब और भी गंभीर हो जाता है जब हम ऐसे मशीनी Matrix, Web of Artificial Intelligence System के शिकार हो जाएं| यह सिर्फ कोरी कपोल-कल्पना नहीं है बल्कि निकट भविष्य का सच है| कहा जा रहा है कि सन 2050 तक Artificial Intelligence का इतना विकास हो चुका होगा|  मशीनें मानव मस्तिष्क से भी बेहतर सोच-समझ और व्यवहार कर सकेंगी| बल्कि यह प्रबल संभावना है कि मशीने मनुष्य को गुलाम बनाने की कोशिश कर सकती है|  यदि इस प्रकार की ज़रा भी संभावना है तो यह मानव जाति  के लिए भयानक संकट का संकेत है यह Matrix System|

क्या तकनीक ने हमेशा हमारा नुकसान ही किया है?

अगर हम ज़रा सा पीछे मुड़ कर देखें तो पाएंगे कि हमने तकनीकी के विकास से खोया ज्यादा ही है| पाया तो सिर्फ निक्कामापन, स्वास्थ्य समस्याएं जैसे मोटापा-जनित बीमारियाँ| उससे भी खेद जनक, पर्यावरण का अंधाधुंध दोहन, व महाविनाशक हथियारों का जमावड़ा| जिनकी मदद से कोई एक सिरफिरा समूची मानव-जाति और इस धरती को सिर्फ एक बटन दबाकर पलक झपकते ही खत्म कर सकता है| तो सोचिये एक Artificially Intelligent Robot का दिमाग घूम गया तो क्या होगा?  ऊपर से एक Group of Robot मिलकर Matrix System बनाकर मानवों के खिलाफ हो गए तो…?

और जैसा हम अभी विचार कर चुके हैं कि ये मशीनें अगर एक Matrix या  Web of Artificial Intelligence System तैयार कर हम मानवों का शोषण करने लगें तो? और मानव लोगों को ऐसी सच्चाई दिखाएं जो सत्य से कोसों दूर होते हुए भी हम AI System द्वारा रचित दुनिया Matrix सिस्टम  को ही यथार्थ मान बैठें तो?

जागें तो फिर क्या होगा?

लेकिन मान लीजिए आप नींद से समय पर जाग जाते है| आप ज़ल्द यह समझ जाते हैं कि आपका दिमाग तो आपका है ही नहीं, इसे तो कोई और ही संचालित कर रहा है| तब आप क्या करेंगे, क्या आप उस सिस्टम की तलाश में निकल पड़ेंगे? इस सत्य से औरों को भी अवगत कराएंगे कि हम सब नींद में  या इस Matrix System में ही सारा जीवन जिए जा रहे हैं |

रास्ता इतना आसान है क्या?

क्या यह रास्ता इतना आसान है? इस सिस्टम, व्यवस्था या तंत्र के पीछे जो ताक़तें हैं, वे आपको इतनी आसानी से छोड़ देंगी? क्या एक व्यक्ति समूचे Matrix System, व्यवस्था या तंत्र से भिड़ने की हिम्मत कर सकता है? क्या इस संघर्षमय अग्निपथ पर उसे कोई हमराही, हमसफ़र या पथप्रदर्शक मिल पाएंगे? सवाल अनेकों हैं और  यह अग्निपथ सचमुच जोखिम भरा है | परन्तु सत्य की क्या कोई हद होती है अथवा सत्य का समय ही ना रहा?

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उपरोक्त लेख मेट्रिक्स (Matrix) नामक हालीवुड फिल्म से प्रेरित हैं जिसमें कुछ ऐसे ही परिकल्पनाओं पर कहानी का ताना-बाना बुना गया है | यह Sci-Fi, Drama, Action, Martial Art &  Adventure  Film जिसमें गज़ब की कल्पना का इस्तेमाल करके एक ऐसी दुनिया रची गयी है जो अविश्वनीय किन्तु सत्य है| 1999 में बनी यह फिल्म आज तक अपनी Style, Visual Effects, Martial Art Fights and Deep Philosophy  के साथ- साथ एक Modern Sci-Fi Classic Movie के तौर पर जानी जाती है|

कथासार: द मेट्रिक्स

थॉमस ए. एंडरसन  दिन में वह एक आम कंप्यूटर कर्मी  है और रात में “नियो” नामक एक हैकर | उसे हमेशा अपनी वास्तविकता पर शक है लेकिन सच्चाई उसकी कल्पना से भी परे है। फिर एक दिन नियो के पीछे पुलिस पड़ जाती है क्योंकि “मॉर्फियस” (एक नामी कंप्यूटर हैकर जिसे सरकार ने  एक आतंकवादी घोषित किया हुआ है) उससे संपर्क करता  है।

मॉर्फियस नियो को वास्तविक दुनिया की एक झलक दिखाता है: हमारी पृथ्वी मशीनों द्वारा तबाह कर दी गयी हैं और जहां अधिकांश मानव मशीनों के कब्ज़े में असहाय हैं|  और ये मशीने मनुष्य के शरीर की गर्मी और विद्युत ऊर्जा को  सोखती रहती हैं|  इन्होने  मानवों के दिमाग पर कब्ज़ा करके मैट्रिक्स नामक एक कृत्रिम वास्तविकता उनके मन में बिठा दी हैं।  नियो को मैट्रिक्स पर वापस लौट कर मशीनों के एजेंटों से युद्ध करके उस सिस्टम को ख़त्म करना होगा जो  नियो और पूरे मानव समाज के विद्रोह को कुचलने पर आमादा हैं।

अनेकों Award Winner फिल्म मेट्रिक्स (The Matrix 1999 ) लगभग 20 साल के बाद भी उतनी ही प्रभावी लगती हैं | इसकी  ट्रेलर निचे देखें:

द मेट्रिक्स की डिटेल्स व अधिक जानकारी के लिए जाएं: The Matrix  हालांकि इसे  भविष्य में सेट किया गया है लेकिन भूतकाल में लगभग 5000 वर्ष पहले हुई एक घटना की कहानी  इससे काफी मिलती-जुलती है अवश्य देखें : महाभारत युद्ध

Featured Image: Warner Bros.

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